रास्ता खोलो अभियान: ग्रामीणों के लिए बना वरदान
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रास्ता खोलो अभियानः ग्रामीणों के लिए बना वरदान
दौसा। राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण अंचल में शुरु किया गया 'रास्ता खोलो’ अभियान ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हुआ है। इसके तहत सालों से बंद पड़े रास्ते खुलने से आमजन की राह आसान हुई है वहीं आपसी विवाद कम हुए हैं। अभियान के दौरान जिले में 125 रास्तों को अतिक्रमण मुक्त कराकर खुलवाने से जिलेवासियों को बड़ी राहत मिली है। महवा उपखंड में सबसे अधिक 22 रास्तों से अतिक्रमण हटवाकर आवाजाही शुरु करवाई गई।
इस अवसर पर जिला कलक्टर देवेन्द्र कुमार ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार अप्रेल माह से यह अभियान शुरु किया गया था। इस अभियान के माध्यम से जो रास्ते अतिक्रमण की वजह से सालों से बंद पड़े थे। उनको खोलकर लोगों की राह को सुगम बनाया गया है। उपखंड अधिकारी व तहसीलदारों के नेतृत्व में राजस्व टीमों ने कहीं लोगों से समझाइश कर रास्ते खुलवाए तो कहीं पुलिस की मदद से सार्वजनिक रास्तों से अतिक्रमण हटवाकर चालू कराया। इनमें से कई रास्ते तो ऎसे हैं जो कई दशकों से बंद पड़े हुए थे। जिला कलक्टर ने इस अभियान के दौरान खोले गए रास्तों की जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न तहसीलों में रास्तों से संबंधित 186 प्रकरण दर्ज थे, जिनमें से 125 रास्तों को अतिक्रमण मुक्त कराकर प्रकरण निस्तारित करवा दिए गए।
’ग्रेवल रोड बनवाने के निर्देश’
जिला कलक्टर ने बताया कि ‘रास्ता खोलो’ अभियान के अंतर्गत खोले गए इन रास्तों पर ग्रेवल रोड निर्माण करवाने के लिए भी संबंधित विकास अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सालों से बंद पड़े इन रास्तों के खुलने से ग्रामीणों की राह सुगम होने के साथ लोगों के बीच विवाद भी खत्म हुए हैं। उन्होंने बताया कि सालों से विवादित इन रास्तों को खुलवाने में राजस्व टीमों के साथ पुलिस, जनप्रतिनिधि एवं आमजन का भी सकारात्मक सहयोग रहा।
डाबर कलां में 25 साल से बंद राह खुली
रामगढ़ पचवारा पंचायत समिति की निजामपुर ग्राम पंचायत में डाबरा कलां गांव में 25 साल से बंद रास्ते को अतिक्रमण से मुक्त कराकर खुलवाया। सलेमपुरा-राणौली मुख्य सड़क से ग्राम पंचायत निजामपुरा के डाबर कलां गांव को जोड़ने वाला यह रास्ता 25 साल से अतिक्रमण के कारण बंद था। रास्ते की इस रुकावट की वजह से लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इस रास्ते को लेकर दोनों तरफ़ से काश्तकारों का विरोध था, जिससे यह रास्ता बंद पड़ा था। प्रशासन ने दो-तीन बार पहले भी इसे खुलवाने का प्रयास किया था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली थी।
उपखंड प्रशासन ने आसपास के काश्तकारों से संवाद कर इस रास्ते को खुलवाने की सकारात्मक पहल की। राजस्व टीम ने गांव वालों के सहयोग से पुलिस को साथ लेकर 26 जून को सवा किलोमीटर लंबे इस रास्ते को अतिक्रमण से मुक्त करवाया। इससे अब ग्रामीणों की आवाजाही सुगम हो सकेगी, स्कूली बच्चों के लिए आने-जाने में दिक्कत नहीं होगी और काश्तकार जरूरी साधन एवं कृषि यंत्र लाने-ले जाने का काम आसानी से कर सकेंगे। ग्रामीणों ने 25 साल से चल रही इस समस्या का हल होने पर खुशी जाहिर की और इस अभियान के माध्यम से किए जा रहे पुनीत कार्यों के लिए राज्य सरकार की सराहना की।
लवाण में दो दशक से बंद रास्ता खुलवाया।
तहसीलदार लवाण के नेतृत्व में राजस्व टीम ने पुलिस बल की मौजूदगी में 18 जून को लवाण के पूर्णीयावास गांव में माधोलाई तलाई से खैराला की कोठी तक जेसीबी चलवाकर बीस साल से बंद रास्ता खुलवाया। इससे लगभग सौ लोगों को फायदा होगा।
’25 साल से बंद डेढ़ किलोमीटर लंबा रास्ता खुला’
इस अभियान के दौरान अप्रेल माह में बहरावण्डा तहसील के मीनावाड़ा गांव में 25 साल से बंद डेढ़ किलोमीटर लम्बा रास्ता खुलवाया। सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से अवाप्त यह रास्ता पिछले 25 साल से अतिक्रमण के कारण बंद था। गांव में इस मार्ग के अलावा अन्य कोई रास्ता रिकॉर्डेड नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को आवाजाही में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही, राजकीय प्राथमिक विद्यालय के बच्चों और शिक्षकों के लिए भी कोई सुचारू रास्ता नहीं था। मय पुलिस जाब्ता राजस्व टीम ने इस अभियान के दौरान यहां पहुंचकर करीब डेढ़ किलोमीटर लम्बे इस रास्ते से अतिक्रमण हटाया। गांव में इस रास्ते के खुलने से उत्साहित ग्रामीणों ने ‘रास्ता खोलो अभियान’ चलाने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार व्यक्त किया।