जागरूकता कैंसर के प्रति कार्यशाला

जागरूकता कैंसर के प्रति कार्यशाला

जागरूकता कैंसर के प्रति कार्यशाला

आमेट: अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में आमेट महिला मंडल द्वारा साध्वी श्री विशद प्रज्ञा जी साध्वी श्री प्रशम यशा, साध्वी श्री मनन यशा, साध्वी श्री मंदार प्रभा के सानिध्य में मासिक कार्यशाला जागरूकता कैंसर के प्रति का आयोजन तेरापंथ भवन में किया गया ।कार्यशाला का शुभारंभ साध्वीश्रीजी के नमस्कार महामंत्र से हुआ कार्यशाला के शुभारंभ से पहले तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्रीमान यशवंत कुमार जी चोरड़िया , सुमंगल साधिका जतन देवी बंब, डॉक्टर प्रियंक तलेसरा, कमलेश धाकड़, डॉक्टर रजनी ने मंच पर आसन ग्रहण किया। महिला मंडल द्वारा प्रेरणा गीत का संगान किया गया ।साध्वी श्री विशद प्रज्ञा ने फरमाया कि आजकल प्रदूषण बहुत बढ़ गया है विकृति है, जितना व्यक्ति श्रमशील होता है, खान-पान का संयम रखता है, उतना ही तन मन भाव से स्वस्थ रह सकता है ,आज के युग में टेंशन सबसे बड़ी बीमारी है, आर्थिक स्पर्धा के कारण टेंशन बहुत हो रहा है जितना टेंशन हो उतना ही आदमी दुखी अशांत रहता है आमेट आयुर्वेद अस्पताल से डॉक्टर रजनी ने बताया कि कैंसर कोई छूत की बीमारी नहीं है यह आपस में बात करने साथ बैठने या साथ में खाना खाने से नहीं होती यह बीमारी ज्यादा जंक फूड खाने, मैदा खाने, और मैगी वगैरा ज्यादा खाने से होती हैं इस बीमारी के कुछ लक्षण इस प्रकार है जैसे ज्यादा थकावट, आना नींद कम आना, जल्दी-जल्दी चीज भूलने लग जाना, किसी जगह पर गांठ होना या फिर लगातार बुखार होना हो सकता है। इसे बचाने के लिए हमें जंक फूड को अवॉइड करना चाहिए हरि व ताजी पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिए। योगा मेडिटेशन ,मॉर्निंग वॉक आदि करने चाहिए।नाथद्वारा से समागत हमारे बीच डॉक्टर प्रियांक  जी तलेसराने बताया कैंसर रोग से  बचाना ही सबसे बड़ी समझदारी है कैंसर होने का मुख्य कारण हमारे डीएनए का क्षतिग्रस्त होना है डीएनए की जींस की पुरी स्वस्थ होने के लिए व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है ,फास्टिंग और उपवास शरीर को स्वस्थ रखने में सबसे बड़ा योगदान है आठ दिन की लगातार उपवास से शरीर की अच्छी क्षतिपूर्ति और पुरानी से पुरानी बीमारी तक ठीक होने लगते हैं अगर कोई 40 दिन तक लगातार उपवास करें तो अच्छे से अच्छा कैंसर ठीक हो सकता है रूस में की गई मेरी रिसर्च में जापानी वैज्ञानिकों  के साथ मैं इस शोध को वहां बहुत अच्छे से समझा है साथ ही हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को ठीक करने के लिए हमारा प्रसन्न रहना भी उतना ही आवश्यक है डोपामिन ऑक्सीटोसिन सेरोटोनिन एडॉल्फिन जैसी हैप्पी हारमोंस का हमारे शरीर में उतना ही बड़ा योगदान है। पेड़ को मित्र बनाने वाली छोरी से भी हमें बहुत सुंदर परिणाम मिलते हैं। कार्यशाला में पधारे हुए डॉक्टर प्रियांक तलेसरा का सम्मान तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्रीमान यशवंत कुमार  चोरडिया एवं मंत्री मनोहर लाल पितलिया के द्वारा किया गया और आमेट आयुर्वेद हॉस्पिटल से डॉक्टर रजनी जी का स्वागत तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष संगीता पामेचा और महिला मंडल कोषाध्यक्ष मनीष छाजेड़ द्वारा किया गया। कार्यक्रम का आभार  नवोदिता बाफना ने किया और कार्यक्रम का कुशल संचालन महिला मंडल मंत्री हेमलता भंडारी ने किया। कार्यशाला के बाद 15 मिनट का जिज्ञासा और समाधान का सत्र रखा गया। उसमें सभी भाई बहनों ने अपनी-अपनी जिज्ञासाओं का  समाधान किया। कार्यक्रम का समापन साध्वी श्री जी के मंगल पाठ से हुआ। कार्यक्रम में अच्छी संख्या में श्रावक -श्राविकाओ की उपस्थिति रही । यह सूचना जेटीऐन प्रतिनिधि पवन कच्छारा ने दी*