अक्सर मेरे लिखे शब्दों में मैने तुझको देखा है

अक्सर मेरे लिखे
शब्दों में मैने
तुझको देखा है
हाँ!
अक्सर मेरे लिखे
शब्दों में मैने
तुझको देखा है...
हाँ!
कभी नुक़्ते में
तो कभी
मात्राओं के बीच में
तुम्हें मैंने छुपते
देखा है ...
हाँ !
अक्सर मेरे
शब्दों में
मैंने तुझको
देखा है
शायरीयो मे
तो कभी ग़ज़लों में
नज़्मों की हर छंद में
मैने तुझको
जुड़ते देखा है
हाँ !
अक्सर मैने
अपने लिखे
शब्दों में तुझको
देखा है
!!
अंजू जांगिड़ राधे