कांग्रेस विधायक डीसी बैरवा के घर हो रही चोरी वाले मामले में पूर्व सीएम गहलोत ने सरकार पर कसा तंज..बोले
Former CM Gehlot took a dig at the government in the case of theft at the house of Congress MLA DC BairwaSaid

कांग्रेस विधायक डीसी बैरवा के घर हो रही चोरी वाले मामले में पूर्व सीएम गहलोत ने सरकार पर कसा तंज..बोले
दौसा। कांग्रेस विधायक डीसी बैरवा के घर हो रही चोरी वाले मामले में मंगलवार को पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट डाल अपने विचार रखे है।
कानून व्यवस्था पर क्या बोले?
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है। उन्होंने दौसा विधायक का उदाहरण देते हुए कहा..कि विधायक श्री बैरवा के यहां चोरी होने से संबंधित प्रश्न के उत्तर में तथा प्रदेश में गवर्नेंस के विषय में मेरे विचार..! इंडियन एक्सप्रेस में आज फ्रंट पेज न्यूज है , एमएलए कह रहा है मेरे यहां तीन चोरी हो चुकी ,इंडियन एक्सप्रेस ने फ्रंट पेज पर न्यूज़ लगाई है उसकी तो फ्रंट पेज पर लगाने का एक मैसेज है कि एक्सप्रेस जैसा अखबार अपने फ्रंट पर न्यूज़ लगाए आप समझ सकते होगे कि बाकी लोगों की क्या स्थिति होती होगी प्रदेश के अंदर। कोई सुनने वाला नहीं है। इतना करप्शन हो रहा है। कि चाल चरित्र चेहरा इनका जो था वो तो पूरा एक्पोज हो गया है। पब्लिक की निगाह के अंदर भी, कितनी बड़ी बड़ी बातें करते थे चाल चरित्र चेहरा हमारा अलग है। कांग्रेस से अब आप देखिए इतना करप्शन जो हो रहा है इतने लोग दुखी हैं। मुख्यमंत्री जी को चाहिए कि वो जो इनकी इंटेलीजेंस ब्रांच है। उसका उपयोग करें एक बार अभियान चलवाए । इंटेलीजेंस ब्रांच के माध्यम से जो साइलेंटली जा कर देखें राजस्थान के अंदर तमाम मुद्दे जो हम विपक्ष वाले उठाते हैं। उन मुद्दों में दम है कि नहीं अगर दम नहीं है तो कोई बात नहीं भई राजनीति कर रहे होंगे। दम तो फिर उनको ठीक करना चाहिए,अगर उनको लगे ,खुद की एजेंसियां हैं, जो आईबी एजेंसी उन की खुद की है उसके माध्यम से सर्वे करवा ले कि जो मुद्दे हम उठा रहे हैं कानून व्यवस्था की हो या ये जो चोरियां डकैतियां जो भी हो रही हैं** गांव के अंदर भी जिलों के अंदर भी सुनवाई नहीं होती है गुंडागर्दी हो रही है। माफिया हावी है वहां पर , लोग जा के , समझ में आ नहीं रहा है लोगों के कि हम जा के शिकायत किससे करें, शिकायत का जो सिस्टम होता है वो ध्वस्त हो गया है, कलेक्टर को रेगुलर बैठना चाहिए जनसुनवाई में, कितने कलेक्टर बैठ रहे हैं ? एसपी को जनसुनवाई करना चाहिए, कलेक्टर को नाइट हाल्ट करना चाहिए, मैं ये दावा नहीं करता कि मेरे वक्त में सब ठीक ही होगा, हो सकता है वहां भी कमी रही होगी, तो वो तो कमी रह गई, सरकार अब आपकी है हम आपसे सवाल करेंगे भई आपके वक्त में देखिए कितने कलेक्टर दौरे कर रहे हैं गावों के, नाइट हाल्ट कर रहे हैं कहां पर आपके एसपी जो हैं जनसुनवाई कर रहे हैं और जा के कोई शिकायत कहां करे ? थाने में करे, डीवाईएसपी को करते हैं एसपी को करते हैं वो सुनवाई हो रही है क्या वहां पर उनकी ? ये तमाम इनको खुद इनकी आईबी जो है उसको देना चाहिए काम कम से कम वो पंद्रह दिन में आप को का के दे देगी रिपोर्ट। उस पर एक्शन करना शुरू कर दो जनता का भला होगा, हम तो मुख्यमंत्री जी के इंटरेस्ट में कह रहे हैं , जब मुख्यमंत्री बन ही गए हैं, पहली बार एमएलए पहली बार मुख्यमंत्री ऐसा सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है जो भजनलाल, पंडित भजनलाल को मिला है अब पंडित भजनलाल को मिला है उसके बाद में जो होना चाहिए मैं गवर्नेंस की बात करता हूं वो अगर वो नहीं सम्भाल पाएंगे तो हमें भी तकलीफ होती है, पहला चांस, पहली बार एमएलए और मुख्यमंत्री, उनको जिंदगी में इतना बड़ा चांस मिला है, उनको अपना परिवारवाद छोड़ देना चाहिए। मैं हमेशा कहता था बचपन से हम लोग पब्लिक प्रॉपर्टी हैं आप एमएलए बनो एमपी बनो मुख्यमंत्री बनो मंत्री बनो हम पब्लिक प्रॉपर्टी हैं। पब्लिक कभी भी हमें अपनी शिकायत दे सकती है तो इनको चाहिए अपने को पब्लिक प्रॉपर्टी बनाएं उसमें परिवारवाद पिक्चर में नहीं आता है कहीं , पीछे कर दो उसको, वर्ना आप लोग बदनाम हो जाओगे, गवर्नेंस नहीं कर पाओगे, तो ये सच्चाई मैं उनको बता रहा हूं , मेरी दो बार मुलाकात उनसे हुई है तो मेरी हमदर्दी उनके प्रति है , ह्यूमन साइकोलॉजी होती है , मैं बीमार था मेरे से मिलने आए , मुख्यमंत्री बनते ही मेरे पास मिलने आए थे मैंने भी उनको कहा था कि पहले परम्परा रही थी मिलने की, बीच में टूट गई है, आए वो, तो हमनें यही बातें करी और उन्होंने कहा कि नहीं मैं अपना पार्टी के अंदर मैं इतना घूम चुका हूं राजस्थान बीस साल तक इसलिए मेरे को अनुभव है और मैं बहुत शानदार तरीके से कार्यकर्ता भी खुश रहेंगे मैं बाय नेम जानता हूं लोगों को, तो मुझे बड़ी खुशी हुई थी और मुझे उम्मीद थी कि ये दो चार महीने देखो लगता है, नया आदमी दो चार छह महीने लगता है साल भर लग जाओ भई पर अब तो कम से कम डेढ़ साल से ज्यादा हो गया इनको चाहिए कि विपक्ष इनका दुश्मन नहीं है विपक्ष जो है जो बोलता है चाहे प्रदेश कांग्रेस कमेटी बोले, चाहे नेता प्रतिपक्ष बोलें चाहे हम लोग बोलें कोई, एक प्रकार से आगाह करते हैं कि भई ये हो रहा है। राजनीति में विपक्ष क्या करेगा जनता की भावना को बताएगा सरकार को वरना जनता हमें कहेगी, आप विपक्ष में हो बोल नहीं रहे हो हमारी बातों को ,हमारा धर्म कहता है हमारा कर्तव्य कहता है हम बोलेंगे, गंभीरता से ले हमारी बातों को ये इनके इंटरेस्ट में भी है।