आजादी के बाद भी  खुंडावास गांव के लोग पानी के लिए कुएं पर है निर्भर  आज भी कई सरकारी योजनाओ से है वंचित

आजादी के बाद भी  खुंडावास गांव के लोग पानी के लिए कुएं पर है निर्भर  आज भी कई सरकारी योजनाओ से है वंचित
Photo the bhaswar times (dk@pali)

आजादी के बाद भी खुंडावास गांव के लोग पानी के लिए कुएं पर  निर्भर है - आज भी गांव कही सरकारी योजनाओ से है वंचित।


पाली/राजस्थान प्रदेश के पाली जिले के रोहट उपखण्ड में पानी को लेकर बात कि जाए तो गर्मियों में रोहट क्षेत्र में काफ़ी दिक्कतो का सामना करना पड़ता है। आम नागरिक,पशु - पक्षियों, जीव जंतुओं के लिए व्यव्स्था करना जलदाय विभाग के लिए चुनौती पुर्ण रहता है। यह सिलसिला कही वर्षो से चला आ रहा है। 

रोहट क्षेत्र के खुंडावास नाम से एक गांव है यह एक "ऐसा गांव " है जो देश आजादी के बाद भी इस गांव के लोगो के लिए पीने का पानी कुएं से लाते है । इस गांव का मुख्य जल स्रोत पीने के लिए जल कि पूर्ति कुएं से होती हैं। सरकार की ऐसी कोई  योजना लागू नही कि गई है जो सभी के घरों तक पानी पहुंच सके।

आज भी खुंडावास गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। इस गांव के कई प्रवास में अपना जीवन व्यतीत करते हैं तो कई गांव में रहते हैं। इस गांव में जलदाय विभाग द्वारा बड़ा टैंक बना हुआ हैं पानी कि सफलाई समयनुसार पाइप लाइन द्वारा गांव तक आती है लेकिन मुख्य पाइप लाईन को  घर - घर तक पानी कि पूर्ति के लिए जोड़ना बाकी है ।

आज भी कही घरों में निधि संसाधनों द्वारा टैंक से मगवाकर  पूर्ति करते हैं। इस कारण गांव के  लोग तालाब के बीच में आजादी के समय में कुआ बना हुआ है।वहा से पानी को खिंचकर  घरों तक पानी लाद कर लाते हैं उसके बाद वह पानी घरों में पीने  के लिए  उपयोग में लिया जाता हैं। 

जानकारी देते हुए उप सरपंच अर्जुन सिंह जोधा ने बताया कि आजादी के बाद भी गांव में पानी  के लिए कोई ठोस व्यव्स्था नही हो पा रही है जिससे ग्रामीणों को राहत मिल सके। देश आजादी के बाद से अब तक कई सरकारे आई और गई है। लेकिन खुंडावास गांव का विकास जो होना चाहिए था वह नही हो पाया है।

वर्तमान सरकार से मांग करते हैं कि कहा कि खुडावास गांव में विकास अत्यंत जरूरी है।  अगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आने वाले समय में पानी की मारा-  मारी हो सकती हैं इस गांव के लिए मुख्य जल  स्त्रोत के लिए आवश्यक ठोस  कदम उठाना अति आवश्यक है।

इस मौके पर कई लोग मोजूद रहे।

 Report by- (Dinesh Chouhan)