घेवर भगवान श्री कृष्ण को परोसे जाने वाले छप्पन भोग (56 व्यंजन) में से एक है इसकी उत्पत्ति राजस्थान से हुई है

घेवर भगवान श्री कृष्ण को परोसे जाने वाले छप्पन भोग (56 व्यंजन) में से एक है। इसकी उत्पत्ति राजस्थान से हुई है।
Pali/राजस्थान का प्रसिद्ध पकवान घेवर का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है।राजस्थान का प्रसिद्ध जेवर यह घेवर सावन और भाद्रपद महिने में इसका विशेष प्रयोग किया जाता है यहां तक रक्षाबंधन के त्योहार पर भी इसका विशेष उपयोग लिया जाता हैं। मिली जानकारी अनुसार घेवर कि उत्पति राजस्थान हुई। है। इतना स्वादिष्ट कि राजस्थान से बहार भी इनकी बहुत मांग है।
राजस्थान में यह पारंपरिक रूप से श्रावण के महीने कि तीज और रक्षा बंधन के त्योहारों से जुड़ा हुआ है। इसको राजस्थानी परंपरा का एक हिस्सा माना जाता हैं और गंगौर और तीज से एक दिन पहले नवविवाहित बेटी को सिंजरा पर उपहार में दिया जाता है। यह भगवान कृष्ण को परोसे जाने वाले छप्पन भोग (56 व्यंजन) में से एक है।
लोगो कि पसंद इतनी है कि राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों में भी बनने लगा है इसका प्रयोग विदेशों में इसका निर्यात भी होता है। अगर सही क्वालिटी से बना हो तो 10से 15 दिन खराब नही होता है।
:-आइए जानें किया है घेवर !-:
घेवर एक डिस्क के आकार की राजस्थानी मिठाई है जिसकी बनावट मधुमक्खी के छत्ते जैसी होती है, इसको बनाने के लिए दूध,घी,मैदा और चीनी(शकर) के सिरप से बनाया जाता है। इसको सही स्थान पर रखना होता है।हवा, नमी और ठंडे वातावरण से दूर रखना अति आवश्यक है।
राजस्थान के पाली जिले के मेड़तिया स्वीट नाम ऐसा है कि प्रवासियों द्वारा एडवांस बुकिंग कर राजस्थान के बाहरी प्रदेशों में मगवाते है।इसकी इतनी डिमांड है कि पहले ऑडर देकर बुकिंग करानी पड़ती हैं ।
अन्य स्टोरी को लेकर फिर मिलते हैं।