सरकार की रोक के बावजूद इतने साल तक वसूला जो वेलफेयर उसका जिम्मेदार कौन

सरकार की रोक के बावजूद इतने साल तक वसूला जो वेलफेयर उसका जिम्मेदार कौन
दौसा। जिले में एजेन्सीयों कार्यालयों में नियोजन स्वयंसेवकों के मानदेय पर विभाग द्वारा 10 प्रतिशत वेलफेयर राशि वसूलने का मामला सामने आया है। जबकि राज्य सरकार ने 11 मई 2022 में एक आदेश जारी कर कहा था कि फिलहाल केवल निधारित मानदेय पर ही संबंधित मांगकर्ता को स्वयंसेवक उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे न की वेलफेयर वसूलने का सरकार के आदेशों को विभाग दिखाता रहा इतने साल तक ठेंगा। राज्य सरकार द्वारा दिए गए आदेशों के बावजूद विभाग द्वारा मई 2022 से जुन 2024 तक विभिन्न एजेन्सीयों एवं कार्यालयों में नियोजन उक्त स्वयंसेवकों के नाम पर 10 प्रतिशत वेलफेयर राशि वसूलता रहा। राज्य सरकार ने 10 प्रतिशत वेलफेयर वसूलने हेतू कोई आदेश नही दिए सरकार ने निधारित मानदेय पर ही स्वयंसेवक उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। जहां भी स्वयंसेवक की डयूटी है उन सभी जगहों से स्वयंसेवक के मानदेय पर 10 प्रतिशत वेलफेयर के नाम पर राशि वसूली जा रही और ये दशकों से वसूली जा रही थी हालाकिं विभाग ने 27 महिनों बाद राज्य सरकार के आदेशों की पालना करते हुए जुलाई 2024 के भुगतान बिलों में संशोधन कर दिया भुगतान बिलों में नोट डाल उसमें लिखा गया कि विभागीय वेलफेयर राशि पर निदेशालय गृह रक्षा राजस्थान के निर्देशानुसार आगामी आदेशों तक रोक लगाई जाती है वेलफेयर राशि के योगदान पर निदेशालय के निर्देश प्राप्त होने पर आपके कार्यालय को सुचित कर दिया जाएगा। लेकिन अन्य भुगतान बिलों में कोई संशोधन नही किया। और उक्त स्वयंसेवकों के नाम पर 10 प्रतिशत वेलफेयर राशि वसूली गई। सरकार के आदेश के बावजूद इतने साल तक जो वेलफेयर वसूला उसका जिम्मेदार कौन है। दशकों से स्वयंसेवकों के नाम पर विभाग वसूलता आ रहा 10 प्रतिशत वेलफेयर राशि बताया जा रहा है कि यह मामला जब वर्ष 2018 में हाईकोर्ट पहुंचा जिसके बाद साल 2022 से स्वयंसेवकों को वेलफेयर कल्याण कोष से नाममात्र का लाभ दिए जाने लगा जैसे स्वयंसेवकों के बच्चो को छात्रवृति व स्वयंसेवकों के रिटायर्मेंट पर और मृत्यु पर तथा दाह-संस्कार पर राशि दी जाने लगी। लेकिन वर्ष 2018 से पहले 10 प्रतिशत वेलफेयर के नाम पर की गई वसूली के वो करोडों अरबों रुपए कहा है। ऐसे कई सवाल उठ रहे है।
*वेलफेयर एक ऐसा फंड जिनका जमा उनको नही मिलता लोन*
जी हां आपको यह भी जानकर आश्चर्य होगा कि जिन स्वयंसेवकों के खून पसीने से कमाई का 10 प्रतिशत वेलफेयर है उनके सुविधा के नाम पर बीमारी के नाम पर या मकान बनाने हेतू एक रूपए का भी लोन नही मिलता जबकि सूत्रों से यह भी पता चला है कि स्थाई स्टाफ को 10 लाख का लोन बिना ब्याज उसी वेलफेयर फंड से दिए जाते है। जो गरीब जवानों के खून पसीने की कमाई का हिस्सा है। RBI या भारत सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नही जहां पैसे फ्री में दिये जाए यदि कोई बैंक से पर्सनल लोन ले तो उसे 8.50% ब्याज लगता है। लेकिन गरीब होमगार्ड के वेलफेयर से बिना ब्याज पैसे बांटे जा रहे है। स्वयंसेवकों के मानदेय पर दशकों से वसूलते आ रहे 10 प्रतिशत वेलफेयर की वो करोड़ों अरबों रुपए की राशि कहा है। ऐसे कई सवाल उठ रहे है। कल्याण कोष के नाम पर 1987 से 10 प्रतिशत वेलफेयर के रूप में विभाग दलाली खाने का काम कर रहा जहां भी स्वयंसेवक ड्यूटी करता है वहां से विभाग 10 प्रतिशत उक्त स्वयसेवक के नाम से वेलफेयर के पैसे वसूलता है। ये वेलफेयर इतना बढ़ गया की इसकी राशि करोड़ों अरबों में है। इसका हिसाब खुद विभाग के पास नही है गत साल हाईकोर्ट ने पूर्व महानिदेशक को तलब कर हिसाब मांगा तब भी विभाग के द्वारा उलट पुलट हिसाब दिया गया और कोर्ट ने फटकार लगाते हुए सही हिसाब बनाकर लाने को कहा सही हिसाब न देंने की सूरत में हाईकोर्ट ने वेलफेयर पर स्टे करः दिया जिसके चलते राजस्थान सरकार ने भी वेलफेयर पर रोक लगा दी। लेकिन विभाग को वेलफेयर की कमाई से इतना मोह है कि विभाग कही जगहों पर चोरी छुपे 10 प्रतिशत रोक के बाद भी वसूल रहा है। 100 व 200 रूपए की रशीद कटवाकर वेलफेयर में मालिक बन बैठे सरकारी कर्मचारी गौरतलब है कि वेलफेयर फण्ड में ड्यूटी के 10 प्रतिशत काटने के बाद भी 50 रूपए सलाना स्वयंसेवकों से वसूले जा रहे है। और इस फंड में स्थाई स्टाफ द्वारा 100-200 की रशीद काट 10 प्रतिशत वेलफेयर में खुद की हिस्सेदारी बनाई गई है। क्या है फायदा स्थाई स्टाफ 100 रूपए की रशीद कटवाकर खुद के बच्चों की छात्रवृति के फार्म भरता है स्वयंसेवकों के बच्चों की छात्रवृति उठे या नही उठे स्थाई स्टाफ के बच्चो की छात्रवृत्ति जरूर उठती है सालों की छात्रवृति स्थाई स्टाफ द्वारा 100 रूपए की एवज में उठाई जा चुकी है।
वेलफेयर कटौती मामले में होमगार्ड समन्वय समिति ने 2018 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की तो विभाग ने 1987 वेलफेयर फण्ड में संशोधित आदेश निकाल 2021 कर दिया गया। जिससे यह पता ना लग सकें कि वेलफेयर फण्ड कब से कट रहा है और भारत सरकार ने कब से लागू किया। मिली जानकारी के अनुसार स्वयंसेवकों पर वेलफेयर फण्ड जबकि भारत सरकार ने वर्ष 1981 में आदेश कर दिए थे। पर राजस्थान मे वेलफेयर फण्ड नीति निधारित वर्ष 1987 में लागू हुई ऐसा बताया जा रहा है।